रविवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली ( pm narendra modi oath )। इस कार्यक्रम में देश-विदेश से कई नेता, संत, सेलेब्रिटी व अन्य अतिथि पहुंचे थे।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ( jagadguru rambhadracharya ) ने भी शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत की थी। इस दौरान उन्होंने नरेंद्र मोदी को पीएम बनने की बधाई दी व भाजपा को वोट न देने वालों को मंथरा के वंशज बता दिया।
गुस्से में बोले- वो तो मंथरा के वंशज हैं
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने उत्तर प्रदेश की फैजाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा की हार पर टिप्पणी करी। यह वही सीट है, जिसके अंतर्गत अयोध्या आती है। भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हुआ है।
2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राम मंदिर को चुनावी मुद्दा बनाया था। इसके बावजूद अयोध्या में ही पार्टी को समाजवादी पार्टी से शिकस्त झेलनी पड़ी।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने इस विषय में कहा- जिन्होंने वोट नहीं दिया वे मंथरा के वंशज हैं। इसके अलावा जगद्गुरु ने कहा- 5 वर्ष में मोदी जी बहुत अच्छा देश के लिए करेंगे। कुछ राज्यों में सीटें कम होने से कोई अंतर नहीं पड़ता। गठबंधन के पास बहुमत है।
देखें जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने क्या कहा-
PM Modi को वोट नहीं देने पर भड़के Swami Rambhadracharya, जानें किसे कहा मंथरा के वंशज। देखें Video⬇️
— TheSootr (@TheSootr) June 10, 2024
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चौथी बार एनडीए सरकार का किया दावा
पीएम मोदी के शपथ ग्रहण में मीडिया से बातचीत के दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने नरेंद्र मोदी को अपना मित्र बताया। साथ ही उन्होंने कहा- मैं आपको गारंटी देता हूं 5 वर्ष यही सरकार चलेगी और चौथी बार फिर एनडीए सरकार ही आएगी।
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अयोध्या में हारे भाजपा के लल्लू सिंह
अयोध्या उत्तर प्रदेश की फैजाबाद लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है। इस सीट पर भाजपा के मौजूदा सांसद लल्लू सिंह का मुकाबला समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद पासी से था। पासी ने लल्लु सिंह को 54,567 मतों से हराया। अयोध्या में भाजपा की हार के बाद पार्टी की रणनीति पर कई सवाल उठ रहे हैं।
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कौन हैं जगद्गुरु रामभद्राचार्य ?
जगद्गुरु रामभद्राचार्य एक रचनाकार है। 2 वर्ष की आयु में उन्होंने अपनी आंखों की रोशनी गंवा दी थी। इसके बाद भी वे 22 भाषाओं के ज्ञानी है। उन्होंने 80 ग्रंथ रचे हैं।
अयोध्या राम जन्मभूमि केस में सुप्रीम कोर्ट में जगद्गुरु रामभद्राचार्य की गवाही ने केस की दिशा मोड़ दी थी। उन्होंने अथर्ववेद के हवाले से राम जन्मभूमि का प्रमाण दिया था।
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उन्हीं के शिष्य है। भारत सरकार रामभद्राचार्य महाराज को पद्म विभूषण से भी सम्मानित कर चुकी है।
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